azam khan bail

Azam Khan : आजम खान की पत्नी और बेटे को मिली बेल, अंतरिम जमानत पर थे तीनों, बहन निखत अखलाक को भी मिली बेल, MP – MLA कोर्ट ने दी रेगुलर बेल

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समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के परिवार को शत्रु संपत्ति से संबंधित मामले में अदालत से राहत मिली है। रामपुर की सांसद-विधायक विशेष अदालत ने उनकी पत्नी तज़ीन फातिमा, बड़े बेटे अदीब आजम खान और बहन निकहत अखलाक को जमानत प्रदान की है।

मामले का विवरण:

साल 2020 में आजम खान, उनकी पत्नी, बेटे और बहन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने शत्रु संपत्ति से संबंधित दस्तावेजों में हेरफेर की है। यह मामला मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय से जुड़ा हुआ है, जहां इन पर शत्रु संपत्ति के कागजात खुर्द-बुर्द करने का आरोप है

जमानत की प्रक्रिया:

इस मामले में पहले आजम खान के छोटे बेटे, पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान को फरवरी 2025 में जमानत मिली थी। अब, मार्च 2025 में, उनकी पत्नी तज़ीन फातिमा, बड़े बेटे अदीब आजम खान और बहन निकहत अखलाक ने अदालत में आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद उन्हें अंतरिम जमानत प्रदान की गई। बाद में, अदालत ने उनकी नियमित जमानत याचिकाओं को स्वीकार कर लिया।

परिवार की प्रतिक्रिया:

जमानत मिलने के बाद, तज़ीन फातिमा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह मामला गलत दर्ज किया गया था और उन्होंने आज तक उस रिकॉर्ड रूम की शक्ल तक नहीं देखी है।

आजम खान और उनके परिवार के खिलाफ विभिन्न मामलों में कई आरोप लगे हैं, लेकिन हाल ही में शत्रु संपत्ति से संबंधित मामले में उन्हें अदालत से राहत मिली है। यह उनके परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है, जो उनके कानूनी संघर्ष में एक सकारात्मक कदम माना जा सकता है।

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके परिवार के खिलाफ 2019 से अब तक लगभग 100 मामले दर्ज किए गए हैं।

इनमें से कई मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है, जबकि कुछ मामलों में उन्हें सजा भी हुई है।

 

उदाहरण के लिए, अक्टूबर 2023 में, आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा, और बेटे अब्दुल्ला आजम को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में सात-सात साल की सजा सुनाई गई थी।  इसके अलावा, मार्च 2024 में, आजम खान को डूंगरपुर मामले में सात साल की सजा और पांच लाख रुपये जुर्माना लगाया गया था।

हालांकि, वर्तमान में उपलब्ध सूचनाओं के अनुसार, परिवार के सदस्यों को कितने मामलों में जमानत मिली है, इसकी सटीक संख्या स्पष्ट नहीं है।

फिर भी अधिकतर मामलों में ज़मानत मिल चुकी है
यह जानकारी समय-समय पर बदल सकती है, इसलिए अद्यतन जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों या विश्वसनीय समाचार माध्यमों से परामर्श करना उचित होगा।

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